निबंध लेखन
समय का सदुपयोग
1. भूमिका :-
मानव जीवन में समय का बहुत महत्व है। समय के मूल्य को पहचानना ही समय का सदुपयोग है। बिता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता है। समय किसी के लिए नहीं रुकता है। वह अपनी गति से चलता रहता है। समय के महत्व को न समझने वाले व्यक्ति अपना ही बुरा करते है।
"गया वक्त फिर हाथ न आता"
समय सिमित है :- मनुष्य जीवन में सिमित समय होता है। जब वह अधिकांश समय व्यर्थ कामो में नष्ट क्र देता है तब उसे होश आता है।
"अब पछ्ताए होंत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत। "
इसलिए प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति समय के महत्व को समझता है। जिस राष्ट्र के लोग समय के महत्व को नहीं समझते है ,व्ही राष्ट्र असम्रधिशली होता है। समय का सदुपयोग करके निर्धन धनवान , निर्बल सबल और मुर्ख विद्वान् बन सकता है।
2. अमूल्य धन :-
समय अमूल्य धन है। हमारा कर्तव्य है की प्रातः कल उठकर जो कार्य करना है उसको ठान ले और दिन भर कार्य करके उसे समाप्त कर ले। विद्यालय से जो समय बचता है उसका सदुपयोग अन्य कलाओ के सीखने में व्यय करे। व्यर्थ की गप्पो में समय को बर्बद न करे। थोड़ा सा मनोरंजन भी आवश्यक है। आज का काम कल पर नहीं करना चाहिए।
3. सुखो की प्राप्ति :-
समय का सदुपयोग करने वाले को सभी सुखो की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति कार्य समय पर करता है उसे कोई व्यग्रता नहीं होती। समय पर कार्य करने वाला व्यक्ति केवल अपना ही नहीं भला नहीं करता , बल्कि अपने परिवाल के साथ साथ अपने राष्ट्र की उनती में भी सहायक हो ता है। समय के सदुपयोग से मनुष्य धनवान , बुद्धिमान तथा बलवान हो सकता है। यदि ध्यान पूर्वक देखे तो संसार में जितने भी महान व्यक्ति हुए है ,उनकी महानता के पीछे समय के सदुपयोग का मूल मंत्र छिपा हुआ है।
4. आलस्य का त्याग :-
समय का महत्व समय के बीत जाने के बाद पता चलता है। समय के दुरूपयोग से दुःख और दरिद्ररा ही हाथ लगती है। समय का भयंकर शत्रु आलस्य है। आलस्य जीवन में बहुत बड़ी दीवार है , जो लक्ष्यों को प्राप्त करने में रोकती है और जीवन में कुछ प्राप्त नहीं होने देती है।
5. उपसंहार :-
समय का मूल्यांकन करके हम समय का सदुपयोग करे तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है। अतः हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने समय का सदुपयोग करे और अपने जीवन को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाये।
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